मुझे क्यों मिटा रहे हो ?
मुझसे ही तुम्हारा अस्तित्व है,
फिर मुझे क्यों मिटा रहे हो?
दुनिया में आने से पहले मेरा निशां मिटा रहे हो,
मेरी भी तमन्ना है दुनिया में आने की,
आपकी तरह दुनिया को आजमाने की,
जब सुनते हो आप कोई नया मेहमां घर आ रहा है,
हो जाते हो बेकाबू ऐसे,बिना पिए ही नशा छा रहा है,
मेरा पता चलते ही ऐसे मुर्झाते हो,
जैसे मै नही कोई बोझ आ रहा है,
जब चलता है पता आनेवाला मेहमां है लड़की,
जेबों में आपकी छा जाती है कड़की,
जैसे आपके जिगर का टुकडा नहीं कोई कोढ़ हो,
कह देते हो झट से लड़का होता तो रख लेते,
और जन्म लेने से पहले मुझे मार देते हो,
मानते हो अगर कन्या का जन्म अभिशाप है,
तो जन्म से पहले इसको मिटाना,सबसे बड़ा पाप है,
कन्या जन्म नहीं,हमारा समाज एक अभिशाप है,
ये धारणा आखिर कब तक मन में धरी रहेगी,
सब गुणों से पूर्ण होकर भी बेटी कब तक शून्य रहेगी,
बेटा चाहे औगुन से भरा हो,वो घी का लड्डू कहलाता है,
चड़ा है जो बेअक्ल का पर्दा हमारे समाज पर,
पता नहीं ये कब उतरेगा इस तुलना की कसौटी से,
एक गाड़ी को चलाने के लिए जैसे दो पहिये की जरूरत है,
वैसे ही तो समाज की बेल को बढ़ाने के लिए दोनों ही पूरक हैं,
एक की कमी से समाज चल नहीं पायेगा,
यही हाल रहा तो धीरे धीरे संसार से,
लड़कियों का अस्तित्व ही मिट जाएगा,
समाज की इस बढ़ती बेल को कीट लग जाएगा,
जो वंश बेल की रफ्तार को रोक लगायेगा,
हमारा समाज बढ़ेगा नहीं,पतन के गर्त में गिर जाएगा,
मुझे क्यों मिटा रहे हो?
मुझसे ही तुम्हारा अस्तित्व है,
फिर मुझे क्यों मिटा रहे हो,
दुनिया में आने से पहले,मेरा निशां मिटा रहे हो.
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marm ko chhute ehsaas
जवाब देंहटाएंsukriya mam manh sithiti vythit hote hain aaj bhi jab sunti hun kanyaon ko maar dete hain jab janm se pahle....
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